
पायल रोहतगी का विवादास्पद बयान: सोशल मीडिया पर उठे सवाल
हाल ही में अभिनेत्री पायल रोहतगी एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह बेहद संवेदनशील और विवादास्पद है। अभिनेत्री शेफाली जरीवाला के निधन के बाद पायल ने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा बयान दिया जिसने लोगों को स्तब्ध कर दिया। भले ही पायल ने शेफाली का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन उनके शब्दों से साफ अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि वह किन संकेतों की ओर इशारा कर रही थीं।
क्या था मामला?
दरअसल, शेफाली जरीवाला की मृत्यु को लेकर कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि उनकी मौत का संबंध एंटी-एजिंग दवाओं के साइड इफेक्ट्स से हो सकता है। इसी बीच पायल रोहतगी ने एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए ऐसा बयान दे दिया जो मानसिक स्वास्थ्य और संवेदनशील मुद्दों को लेकर बेहद असंवेदनशील माना गया।
एक महिला पत्रकार ने पायल से उनके वैवाहिक जीवन को लेकर चल रही अफवाहों के संबंध में शालीनता से सवाल किया। पायल और उनके पति संग्राम सिंह के बीच मनमुटाव की खबरें इन दिनों मीडिया में हैं। पत्रकार ने केवल सत्यता जानने के लिए पायल को मैसेज भेजा था। लेकिन प्रतिक्रिया में पायल ने न सिर्फ पत्रकार पर नशे की आदतों का आरोप लगाया, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी अपमानजनक टिप्पणी की।
पायल का विवादास्पद जवाब
पायल ने जवाब में लिखा – “मुझे दुख है कि तुम डिप्रेशन में हो। प्लीज़ दिन में ड्रग्स मत लिया करो। ओवरडोज़ से मौत हो सकती है। और फिर तुम्हारा अख़बार कहेगा कि एंटी-एजिंग दवाइयों से ऐसा हुआ।”
इस प्रतिक्रिया से सोशल मीडिया पर आक्रोश फैल गया। लोगों ने पायल पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया और इस बयान को मानसिक स्वास्थ्य जैसे गंभीर मुद्दों का मज़ाक उड़ाने वाला बताया।
मानसिक स्वास्थ्य और संवेदनशीलता की ज़रूरत
आज के डिजिटल युग में, जहां सोशल मीडिया किसी की आवाज़ को चंद सेकंड में लाखों लोगों तक पहुंचा सकता है, वहां सेलेब्रिटीज़ की ज़िम्मेदारी और बढ़ जाती है। मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ रही है, लेकिन जब प्रभावशाली लोग इस पर हल्की टिप्पणियां करते हैं, तो यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण होता है, बल्कि नुकसानदेह भी।
क्या पब्लिक फिगर्स को ज्यादा सोच-समझकर बोलना चाहिए?
इस घटना से एक बड़ा सवाल खड़ा होता है: क्या एक सेलेब्रिटी को अपनी राय रखने की आज़ादी है, भले वह कितनी ही विवादित क्यों न हो? या फिर सोशल प्लेटफॉर्म्स पर उनके शब्दों को अधिक ज़िम्मेदारी के साथ आना चाहिए?
लोगों की प्रतिक्रियाओं से साफ है कि आज का दर्शक सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं चाहता, वो संवेदनशीलता, समझ और जवाबदेही की भी अपेक्षा करता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
पायल रोहतगी की टिप्पणी ने एक जरूरी चर्चा की शुरुआत तो कर दी है — लेकिन इस बहस का केंद्र ये होना चाहिए कि कैसे हम एक सभ्य और जिम्मेदार ऑनलाइन समाज बना सकते हैं। जहां असहमति के लिए भी भाषा की मर्यादा बनी रहे, और जहां मानसिक स्वास्थ्य को मज़ाक का विषय नहीं समझा जाए।